योजनाबद्ध तरीके से खींचे गए फोटो ने ही खोला बेलघाट के मनरेगा फर्जीवाड़ा का पोल*
– वरिष्ठ समाजसेवी के नाम पर मनरेगा फर्जीवाड़ा कर रही ग्राम प्रधान उर्मिला देवी
– ट्रैक्टर ट्राली से मिट्टी पटाई कर चकबन्द निर्माण कार्य किया गया पूर्ण – पवन सोनी रोजगार सेवक
– फर्जी / पुरानी फोटो अपलोड कर रोजगार सेवक पवन सोनी उच्च अधिकारियों के आंख में झोंक रहे धूल
*गौर बस्ती*- विकासखण्ड गौर के अन्तर्गत ग्राम पंचायत बेलघाट में मनरेगा फर्जीवाड़ा वरिष्ठ समाजसेवी के नाम पर जमकर किया जा रहा है । मनरेगा फर्जीवाड़ा में वरिष्ठ समाजसेवी का नाम से वरिष्ठ समाजसेवी की छवि धूमिल हो रही है । फर्जी / पुरानी फोटो के सहारे रोजगार सेवक पवन सोनी उच्च अधिकारियों के आंख में धूल झोंक रहे हैं । बेलघाट में रोजगार सवक के द्वारा योजनाबद्ध तरीके से खींचे गए फोटो को आनलाइन मनरेगा साइड पर अपलोड करने पर मनरेगा भ्रष्टाचार का पोल खुल गया । मीडिया टीम के पड़ताल में ग्राम प्रधान उर्मिला देवी के द्वारा ग्राम पंचायत बेलघाट में किये जा रहे विकास कार्यों के नाम पर फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ । रोजगार सेवक पवन सोनी ने बताया कि चकबन्द निर्माण कार्य पहले टैक्टर ट्राली के माध्यम मिट्टी गिरा कर किया गया था ट्रैक्टर ट्राली से मिट्टी गिराने के कारण जल्द ही चकबन्द निर्माण पूर्ण हो गया था लेकिन आनलाइन मस्टर रोल 14 दिन या 16 दिन के लिए जारी होता है और आनलाइन जारी मस्टर रोल को पूर्ण करने के लिए मनरेगा मजदूरों को प्रतिदिन साइड पर खड़ा करना पड़ता है वर्तमान समय में ग्राम बेलघाट में चल रहे आनलाइन मस्टर रोल चकबन्द निर्माण कार्य पर कोई मनरेगा मजदूर कार्य नही कर रहे हैं । रोजगार सेवक ने बेलघाट के वरिष्ठ समाजसेवी का नाम लेते हुए कहा कि यह मनरेगा कार्य बेलघाट के वरिष्ठ समाजसेवी ने कराया है और जानकारी के लिए बेलघाट वरिष्ठ समाजसेवी से बात कर लीजिए । बेलघाट के वरिष्ठ समाजसेवी द्वारा इस सड़क का कार्य कराया गया है । इस प्रकार स्पष्ट है कि ग्राम पंचायत बेलघाट में मनरेगा एक्ट की धज्जियां उड़ाकर मनरेगा कार्य कराया जा रहा है अर्थात् ब्लाक के जिम्मेदार अधिकारियों / कर्मचारियों को मनरेगा एक्ट से कोई लेना देना नहीं है । ग्राम पंचायत में मनरेगा मजदूर भूखे रहने को मजबूर है । ग्राम प्रधान उर्मिला देवी के द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार में सचिव अवधेश कुमार एवं टी ए (तकनीकी सहायक ) सुरेन्द्र वर्मा अहम भूमिका निभा रहे हैं । सचिव और तकनीकी सहायक द्वारा ग्राम पंचायत में हुए मनरेगा कार्यों की बिना धरातलीय पड़ताल के फाइलों पर हस्ताक्षर कर देते हैं यदि सचिव और तकनीकी सहायक ग्राम पंचायत में चल रहे विकास कार्यों का धरातलीय निरीक्षण कर फाइलों पर हस्ताक्षर करे तो रोजगार सेवक या महिला मेट और ग्राम प्रधान द्वारा ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार करना आसान नहीं रहेगा । सचिव अवधेश कुमार ऐसे सचिव गौर ब्लाक के ऐस सचिव है जो किसी का फोन उठाना मुनासिब नहीं समझते हैं क्योंकि जानते हैं कि यदि किसी का फोन उठायेंगे तो जबाव भी देना पड़ेगा इसीलिए फोन न उठना ही सबसे अच्छा उपाय है । वही तकनीकी सहायक सुरेन्द्र वर्मा तो फोन उठाते हैं लेकिन समुचित जबाव देने से कन्नी काटते हैं और कहते हैं कि चलिए ठीक है । इस प्रकरण में खण्ड विकास अधिकारी गौर के ० के० सिंह ने बताया कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जायेगी ।